Sai Baba Aarti Pdf । साईं बाबा की आरती । Sai Baba Ki Aarti in Hindi। आरती साईबाबा। साईं बाबा आरती Pdf । साईबाबाची आरती । Sri Shirdi Sai Baba Aarti।
साईं बाबा, जिन्हें शिर्डी वाले साईं बाबा भी कहा जाता है, वो एक बहुत ही आध्यात्मिक गुरु थे। साईं बाबा महाराष्ट्र के छोटे से गाँव शिर्डी में रहते थे।
साईं बाबा का सिर्फ एक ही नारा था – प्यार और सभी के प्रति दया। वे अनेक प्रकार के चमत्कार करते थे जो लोगों को हैरान कर देती थे। वो कभी धर्म या जातियों में भेदभाव नहीं करते थे।
साईं बाबा ने बीमारों को ठीक किया, गरीबों की मदद की, और उन्हें आत्मिक मार्गदर्शन भी दिया। उनके सिखाये तो इतने सरल और गहरे थे कि हर कोई समझ सकता था।
उनके चमत्कार और मानवता की सेवा में लगाव ने लोगों के दिलों में विश्वास और प्यार बढ़ाया। वो अब भी अपने भक्तों के दिलों में जीवित हैं और उनके प्रेम और सिखायों की याद बरकरार है।
शिर्डी साईं बाबा के मंदिर में आज भी लाखों भक्त उनकी कृपा और आशीर्वाद के लिए आते हैं। उनकी सिखायी और प्रेरणा अब भी लोगों को आत्मा की ऊर्जा और संतोष की दिशा में बढ़ा रही है।
आज भी लोग साईं बाबा को अपने जीवन के मार्गदर्शक मानते हैं और उनकी प्रेरणा से चलते हैं। उनकी कथाएं और संदेश अब भी हमें धर्म और सच्चाई की ओर बढ़ा रहे हैं।
PDF Name | Sai Baba Aarti Pdf |
No. of Pages | 2 |
PDF Size | 268 KB |
Language | Hindi |
Provider | aartichalisapdf.com |
Category | Religion & Spirituality |
साईं बाबा की आरती – Sai Baba Aarti Lyrics 1
आरती श्री साईं गुरुवर की |
शिर्डी साईं बाबा आरती परमानन्द सदा सुरवर की ||
जा की कृपा विपुल सुखकारी |
दुःख, शोक, संकट, भयहारी ||
शिरडी में अवतार रचाया |
चमत्कार से तत्व दिखाया ||
कितने भक्त चरण पर आये |
वे सुख शान्ति चिरंतन पाये ||
भाव धरै जो मन में जैसा |
पावत अनुभव वो ही वैसा ||
गुरु की उदी लगावे तन को |
समाधान लाभत उस मन को ||
साईं नाम सदा जो गावे |
सो फल जग में शाश्वत पावे ||
गुरुवासर करि पूजा – सेवा |
उस पर कृपा करत गुरुदेवा ||
राम, कृष्ण, हनुमान रूप में |
दे दर्शन, जानत जो मन में ||
विविध धर्म के सेवक आते |
दर्शन कर इच्छित फल पाते ||
जै बोलो साईं बाबा की |
जो बोलो अवधूत गुरु की ||
`साईंदास` आरती को गावे |
घर में बसि सुख, मंगल पावे ||
साईं बाबा की आरती – Sai Baba Aarti Lyrics 2
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।
भक्तजनों के कारण, उनके कष्ट निवारण॥
शिरडी में अवतरे, ॐ जय साईं हरे॥ ॐ जय…॥
दुखियन के सब कष्टन काजे, शिरडी में प्रभु आप विराजे।
फूलों की गल माला राजे, कफनी, शैला सुन्दर साजे॥
कारज सब के करें, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय…॥
काकड़ आरत भक्तन गावें, गुरु शयन को चावड़ी जावें।
सब रोगों को उदी भगावे, गुरु फकीरा हमको भावे॥
भक्तन भक्ति करें, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय…॥
हिन्दु मुस्लिम सिक्ख इसाईं, बौद्ध जैन सब भाई भाई।
रक्षा करते बाबा साईं, शरण गहे जब द्वारिकामाई॥
अविरल धूनि जरे, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय…॥
भक्तों में प्रिय शामा भावे, हेमडजी से चरित लिखावे।
गुरुवार की संध्या आवे, शिव, साईं के दोहे गावे॥
अंखियन प्रेम झरे, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय…॥
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।
शिरडी साईं हरे, बाबा ॐ जय साईं हरे॥
श्री सद्गुरु साईंनाथ महाराज की जय॥
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